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नवाज शरीफ का बयान दुर्भाग्यपूर्ण, तनाव से मिलेगा दूसरी ताकतों को हस्तक्षेप का अवसर

पाकिस्तान के पास परमाणु बम होने के समाचार पर 24 अगस्त, 1994 को लोकसभा में चन्द्रशेखर

अध्यक्ष जी, नवाज शरीफ साहब ने जो बयान दिया है, वह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मैं अपने यहाँ के विरोधी दल के नेता से एक ही निवेदन करूंगा कि अगर कोई गैर जिम्मेदाराना बयान पाकिस्तान की ओर से हो तो उसके जवाब में हमारी तरफ के विरोधी पक्ष के नेता भी वैसा ही जवाब न दे, न पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते कोई और व्यक्ति दे। उन्होंने सच ही कहा कि वह बयान भारत पर बम गिराने के लिए नहीं है, बल्कि पाकिस्तान में सरकार के जल्दी आने की कोशिश है। उस कोशिश के जरिये वह एक उत्तेजना फैला रहे हैं। यह हमारे लिए और उनके लिए, दोनों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है।

आज दुनिया ऐसी बदली हुई है कि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में जितना तनाव बढ़ेगा, दुनिया की दूसरी ताकतों को यहाँ दखलंदाजी करने का उतना ही मौका मिलेगा। मैं चाहता हूँ कि बहस हो लेकिन मैं नहीं जानता कि बहस में क्या होगा? कोई भी सरकार अगर अणु बम बनाना चाहेगी तो न संसद में बयान दे सकती है और न बाहर यह कह सकती है कि हमारे पास अणु बम है या नहीं। इसका यह अर्थ नहीं हुआ कि नवाज शरीफ साहब ने वहाँ उठकर यह कह दिया कि हमारे पास अणु बम है तो अटल जी, हमारे विरोधी दल के नेता यहाँ बयान दे दें कि हम भी गणु बम बना रहे हैं। इससे कोई शक्ति का प्रदर्शन नहीं होगा और इस तरह की प्रतिद्वन्द्धिता हमको नहीं करनी चाहिए।

एक बात जरूर है कि वहाँ की गतिविधियां इस प्रकार की हैं कि उससे पाकिस्तान के लोग अपनी कमजोरी को जाहिर कर रहे हैं।

मैं समझता हूँ कि यह भावना, यह जज्बात पैदा करना इस मुल्क में किहमारी सेनाओं में कोई कमी है, हमारी सुरक्षा में कोई कमजोरी है तो यह बात सही नहीं है। मैं यह भी नहीं मानता कि हमारे यहाँ सुरक्षा की कोई नीति नहीं हैं। कमजोरियां दूसरी तरह की हैं। हमारे पास साधन है या नहीं, हमारी जनता में एकता है या नहीं, हम धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं या नहीं, हमारी सीमाओं पर जो लोग हैं, उनके मन में तनाव हैं या नहीं, सुरक्षा के लिए ये बुनियादी सवाल है, इन सवालों पर चर्चा होनी चाहिए।

अध्यक्ष महोदय, बहस हो या नहीं? यह आपको तय करना है, लेकिन मेरी राय कि जो शंकाएं और सवाल हैं, प्रधानमंत्री जी कुछ नेताओं को, जो सुरक्षा के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ ऐसे लोगों को जो विशेषज्ञ हैं, उनको बुलाकर बात करें। इस सदन में अगर नवाज शरीफ के बयान पर बहस होगी तो इससे उत्तेजना बढे़गी, दुनिया के लोगों को हमारे मामले में दखल देने का मौका मिलेगा। इसलिए मैं चाहता हूँ कि ऐसा सवाल न उठाया जाए, जिससे इस देश के लिए और इस उपमहाद्वीप के लिए नई समस्या पैदा हो। मेरा इतना ही कहना है क्योंकि मैं सरकार में नहीं हूँ, सरकार में रहा भी तो बहुत थोड़े समय के लिए, लेकिन देश में एक जज्बात पैदा करना कि हमारे पास कुछ नहीं है, पाकिस्तान कल हमको निगल जाएगा, यह डर हमारे मन में कभी भी नहीं आना चाहिए। अगर उनका मंसूबा इतना बड़ा है तो वह हमको समझना चाहिए कि इस दुनिया में कोई किसी पर एटम-बम गिराने वाला नहीं है। ये बातें केवल वोट पाने के लिए की जाती हैं और हम वहीं बातें यहाँ न दोहराएं तो अच्छा रहेगा।


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चंद्रशेखर जी

राजनीतिक विचारों में अंतर होने के कारण हम एक दूसरे से छुआ - छूत का व्यवहार करने लगे हैं। एक दूसरे से घृणा और नफरत करनें लगे हैं। कोई भी व्यक्ति इस देश में ऐसा नहीं है जिसे आज या कल देश की सेवा करने का मौका न मिले या कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं जिसकी देश को आवश्यकता न पड़े , जिसके सहयोग की ज़रुरत न पड़े। किसी से नफरत क्यों ? किसी से दुराव क्यों ? विचारों में अंतर एक बात है , लेकिन एक दूसरे से नफरत का माहौल बनाने की जो प्रतिक्रिया राजनीति में चल रही है , वह एक बड़ी भयंकर बात है।