Phone: 1-800-123-4567

Email:info@example.com

हैदराबाद के एक हिस्से के बारे में हिन्दुस्तान से बाहर होने का प्रचार देश के अस्तित्व का सवाल, सरकार वक्तव्य द

संदर्भ: इंफार्मेंशन टेक्नोलॉजी विभाग की विफलता पर 14 दिसम्बर 2000 को लोकसभा में श्री चंद्रशेखर


अध्यक्ष महोदय, मुझे जिस बात की शंका थी, वह सही साबित हो रही है। मेरे पास जब दस्तावेज आया, दस्तावेज क्या है, सारी दुनिया उसे देख रही है। मैंने आपके पास उस दस्तावेज को इसलिए भेजा कि उस पर अनावश्यक रूप से हम लोगों में आपसी विवाद न हो क्योंकि यह देश की एकता और देश के अस्तित्व का सवाल है। अब इसमें कौन पार्टी इंवाल्व है और कौन नहीं, मैं नहीं जानता लेकिन मुझे प्रमोद महाजन जी की बात को सुनकर दुख होता है।

अध्यक्ष महोदय, यह कोई ऐसा मामला नहीं है जिसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाए। जहां तक देश की सुरक्षा का सवाल है, इतनी इंटेलीजेंस एजेंसिया यहां पर हैं, उन्होंने अब तक इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया और इस मामले को नहीं देखा तो यह बात साबित होती है कि सरकार इस देश की सुरक्षा के बारे में कितनी सजग है? पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा के बारे में जो-जो टिप्पणियां आ रही हैं और सुरक्षा का जो सैट-अप है, उसके प्रमुख लोगों के बारे में जिस तरह की आलोचना की जा ही है, सरकार उस पर मौन है। मैं कहना चाहूंगा कि अगर उसके बारे में सरकार के पास इतनी ही जानकारी है कि तमिलनाडु सरकार ने मुकदमा दायर किया है तो तमिलनाडु सरकार ने एक अच्छा काम किया है लेकिन भारत सरकार की जो एजेंसी है, जो राॅ है, उन लोगों ने क्या किया है? इस में उनको कोई जानकारी है या नहीं? यह कोई एक दिन में तो नहीं हुआ है। अध्यक्ष जी, जिस दिन मैंने आपको दस्तावेज दिया था, उस समय तक इस दुनिया के 32 हजार लोगों ने इसे देखा। उसके चैबीस घण्टे के अंदर 44 हजार लोगों ने इसे देखा। यह कोई ऐसी बात नहीं है जिसका कोई नक्शा बना दिया गया है। उस पर 15-20 कआटकल्स लिखे गये हैं। वे आटकल्स दो-चार दिन में नहीं लिखे गए होंगे। उन पर लोगों के नाम दिए गए हैं।

अध्यक्ष महोदय, यह कोई गुप्त मामला नहीं है लेकिन ये बातें भी सरकार को नहीं मालूम हैं। पता नहीं इंफार्मेंशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट किसलिए है? यह टेक्नोलॉजी किसलिए बनाई गई है कि भारत के लोगों के बारे मे दुष्प्रचार हो और भारत सरकार को इस इंफॅामेंशन टेक्नोलॉजी से कोई इंफार्मेंशन न मिले? मेरी समझ में नहीं आता कि हैदराबाद का नाम साइब्रावाद बना गया और हैदाराबाद के एक हिस्से के बारे में हिन्दुस्तान से बाहर होने का प्रचार हो रहा है। पता नहीं साइब्रावाद क्या कर रहा है? बंगलौर का आई.टी. इंफाॅर्मेंशन डिपार्टमेंट इस बारे में क्या कर रहा है? दूसरी दुनिया के लोग हमारे बारे में क्या प्रचार कर रहे हैंऋ उसको देखने के लिए क्या हमारे सेंटर्स इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं? क्या हर सवाल का जवाब औपचारिक रूप से दे दिया जायेगा कि हम देख रहे हैं। यह कोई एक दिन में नहीं बना होगा। इतने दिनों में बना है।

मैं आपसे निवेदन करूंगा कि आप इन लोगों को बुलाईए, जो लोग इंफार्मेंशन टेक्नोलॉजी के हैं, इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट के हैं, उन्हें बुलाइए, माननीय होम मिनिस्टर साहब को भी बुलाइए कि कब से यह प्रचार हो रहा है, इतने दिनों में इन लोगों ने क्या किया है? अगर मेरा निवेदन सुना जा सके तो मैं माननीय सदस्यों से निवेदन करूंगा कि जब तक सरकार पूरी तरह से इस बारे में जानकारी नहीं दती है, आपसी विवाद से इस देश में विभाजन की प्रक्रिया को बल न दें। ऐसा न हो कि हम लोगों का आपस में मतभेद हो, इसलिए मैंने कल इस बात को नहीं कहा था।

मुझे लगता है इस मामले को आपके स्तर पर सरकार के साथ यह जानने के लिए उठाया जाना चाहिए कि क्या सरकार को इसके बारे में कुछ जानकारी है या उन्होंने इससे सम्बन्धित कोई कार्रवाई की है। मुझे नहीं लगता कि इस सभा में की गई चर्चा से इस मामले में कोई मदद मिलेगी। इससे स्थिति अधिक विकट हो जाएगी। इसलिए मैंने एक दिन पूर्व आपसे कहा था कि मैं इस मामले को उठाना नहीं चाहता। यह मामला अत्यंत गम्भीर है। इसलिए मैंने वेबसाइट पर प्रचारित होने वाले इससे सम्बन्धित कागजों को आपको दिखाया था।

मेरे विचार से प्रत्येक मामला उठाया भी नहीं जाना चाहिए। यदि सरकार इसके बारे में जानती है। यदि सरकार को इससे संबंधित वक्तव्य देना है, तो उसका स्वागत है। मुझे आशा है कि आपके कार्यालय ने उक्त कागज़ातों को सरकार तक पहुंचाया होगा। सरकार को इस पर वक्तव्य देना चाहिए।


अनुक्रमणिका

संपर्क सूत्र

फोन नम्बर: +91-9415905877
ई-मेल: mlcyashwant@gmail.com
Website: www.chandrashekharji.com

दारुल सफा 36/37 बी-ब्लाक,
विधानसभा मार्ग,
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश

फोटो गैलरी

चंद्रशेखर जी

राजनीतिक विचारों में अंतर होने के कारण हम एक दूसरे से छुआ - छूत का व्यवहार करने लगे हैं। एक दूसरे से घृणा और नफरत करनें लगे हैं। कोई भी व्यक्ति इस देश में ऐसा नहीं है जिसे आज या कल देश की सेवा करने का मौका न मिले या कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं जिसकी देश को आवश्यकता न पड़े , जिसके सहयोग की ज़रुरत न पड़े। किसी से नफरत क्यों ? किसी से दुराव क्यों ? विचारों में अंतर एक बात है , लेकिन एक दूसरे से नफरत का माहौल बनाने की जो प्रतिक्रिया राजनीति में चल रही है , वह एक बड़ी भयंकर बात है।