हम उदार हो रहे हैं लेकिन गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं, हर परिस्थिति का करेंगे डटकर मुकाबला
संदर्भ: सांसदों के आवास के समक्ष पुलिस तैनात करने के मामले पर 8 दिसम्बर 1978 को लोकसभा में श्री चंद्रशेखर
अध्यक्ष जी, मैं यह कहने का प्रयास कर रहा था कि माननीय सदस्यों द्वारा लगाये गये आरोप यदि सच हैं अर्थात् यही नहीं की पुलिस नियुक्त की गई है वरन् पुलिस इसलिए नियुक्त की गई क्यांेकि कुछ माननीय सदस्यों ने विमति टिप्पणी की थी, तब यह मामला अवश्य गम्भीर है। किन्तु यदि यह बात सच नहीं है तो क्या होगा? क्योंकि पुलिस पूरे शहर में बहुत से स्थानों पर नियुक्त की गई है।
मेरा यह अनुरोध है कि आप स्वयं अथवा सभा की समिति द्वारा इस शिकायत की विस्तृत जांच हो और यदि यह आरोप सच हो तो सरकार और पुलिस के विरुह् गम्भीर कार्रवाई की जाए। यदि यह सच नहीं हो तो उन गैर ज़िम्मेदार सदस्यों को जिन्होंने यह आरोप लगाया है, दंड दिया जाना चाहिए।
अध्यक्ष महोदय, क्या मेरे साथ इस प्रकार व्यवहार किया जाना चाहिए? हम भी बहुत सी बातें नहीं भूले हैं। हम उन सब जुल्मों को भूलने का प्रयास कर रहे हैं जो हमारे साथ किए गए हैं। वे उसी प्रकार की कार्रवाई कर रहे हैं। हमारी उदारता को हमारी कमज़ोरी नहीं समझा जाना चाहिए।
मैं माननीय सदस्यों और समस्त देश को यह स्पष् करना चाहता हूं कि हम उदार होने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हम किसी प्रकार की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम हर परिस्थिति में गुण्डागर्दी का मुकाबला करेंगे। हम आने वाली हर परिस्थिति में इस प्रकार की चालों को चलने नहीं देंगे। यदि आरोप सिह् नहीं होता तो उन व्यक्तियों के विरुह् कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने गैर-ज़िम्मेदार आरोप लगाए हैं।