नाजुक मामला, अटल जी पता लगाकर अधिक्रत वक्तव्य जारी कर
संदर्भ: महाराष्ट्र में आए लोगों का प्रवेश रोकने के मामले पर 21 मार्च 1995 को लोकसभा में श्री चंद्रशेखर
अध्यक्ष महोदय, यह बहुत नाजुक मामला है। यहां पर विरोधी पक्ष के नेता बैठे हुए हैं और महाराष्ट्र सरकार में उनका दल भागीदार है। मैं चाहूंगा कि श्री अटल जी इस बात का पता लगा लें कि कोई ऐसा निर्णय लिया गया है या नहीं और एक अधिक्रत वक्तव्य दे दें। अन्यथा यदि प्रत्येक सदस्य यहां पर बोलता रहेगा तो स्थिति खराब होगी। मेरे विचार में, इससे समूचे देश में काफी समस्याएं पैदा हो जाएंगी।
मैं आशा करता हूं कि महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। परन्तु यदि कोई ऐसा निर्णय लिया गया है तो मेरे विचार में यह उस बात की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए जो शासक दल के कुछ लोग उत्तर प्रदेश में करते रहे हैं। महाराष्ट्र की स्थिति उत्तर प्रदेश जैसी नहीं बननी चाहिए।
अध्यक्ष महोदय, मैं निवेदन करूंगा कि माननीय सदस्य ने जो कहा है, उसे उसी तरह से वापस ले लें तो अच्छा होगा। सदन में इस तरह की बातें कहना गलत है। यहां कुछ मर्यादा रखनी चाहिए। अगर इस तरह की बातें की जाएंगी तो किसी हत्या की पुष् टिनहीं हो सकेगी।
मुझे याद है कि मुलायम सिंह जी ने भी कहा था कि यह हत्या बड़ा जघन्य अपराध है और इसकी सी.बी.आई. द्वारा जांच होनी चाहिए। इस स्थिति में जब उस बारे में जो भी अखबारों में आ रहा हो, सबकी संसद में कहने की ज़िम्मेदारी नहीं है और न ही कोई औचित्य होता है। कम से कम वह पोर्शन वापस लेना चाहिए। इस सदन की मर्यादा है।